Skip to main content

Aaj Tumhara Din Hai


Comments

Popular posts from this blog

तुम से ही मेरा जीवन है

तुम्हारे जाने के बाद जीवन का सारांश समझ आ गया वो जो अपने होते है उन्ही से जीवन होता है एक छोटी सी बात पे मैने कुछ बोल दिया तुमने उसको बड़ा बना कर बेवजह मोल दिया किसकी ग़लती कौन जाने बस देखता हूँ दरवाज़े को कोई दस्तक दे शायद क्या करूँ , किससे बात करूँ अकेला हूँ पर भीड़ है बौहत थक गया हूँ अपने से लड़ते लड़ते तुम्हारे बिना एक प्याला चाय का भी स्वाद नहीं देता बस तुम हो सामने तो ज़िंदगी कट जाएगी तुम से ही मेरा जीवन है

वो तारा देखा तुमने ?

वो तारा देखा तुमने ? चमकता सा , दमकता सा … वो तारा यहाँ भी है मीलों दूर तुम हो कहीं पर ये आसमान तो एक है इस सृष्टि की तरह क्या कर रही होगी तुम इस वक़्त ? बर्फ सी ठंड मैं कंबल मैं लिपटी हुई अकेलेपन से जूझती हुई अपने आप से रूठी हुई या किसी की यादों के हसीन पल को समेटे हुए खुली आँखों मैं ख्वाब भी होंगे कुछ अनसुलझे सवाल भी होंगे जो भी हो रहा होगा उस तारे ने तो देखा होगा मैं भी कुछ अकेला हूं तुम्हारी यादों मैं खोया हूं अभी देखा था छत से वो तारा यहाँ भी है मीलों दूर तुम हो कहीं मेरे लिए ही बनाई गयी ये तारा भी जानता है यही देखो ज़रा ध्यान से आसमान को …