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Aaj Tumhara Din Hai


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तुम से ही मेरा जीवन है

तुम्हारे जाने के बाद जीवन का सारांश समझ आ गया वो जो अपने होते है उन्ही से जीवन होता है एक छोटी सी बात पे मैने कुछ बोल दिया तुमने उसको बड़ा बना कर बेवजह मोल दिया किसकी ग़लती कौन जाने बस देखता हूँ दरवाज़े को कोई दस्तक दे शायद क्या करूँ , किससे बात करूँ अकेला हूँ पर भीड़ है बौहत थक गया हूँ अपने से लड़ते लड़ते तुम्हारे बिना एक प्याला चाय का भी स्वाद नहीं देता बस तुम हो सामने तो ज़िंदगी कट जाएगी तुम से ही मेरा जीवन है

Jism Tarasha tha tumhara

Mulakaat

- संदीप कुलश्रेष्ठ इक मुलाकात से दो ख़याल मिलते हैं और ख़यालों के दौर मैं कुछ उलझनें सुलझ जाती हैं कुछ सुलझी हुई खामोशियाँ बिखर जाती है सवरने के लिए कुछ पैघाम आते है कुछ ख्वाहिशें मुस्कुराती है कुछ नये वादे मुकम्मल होते हैं कुछ माज़ी मैं क़ैद ही रहते हैं रहने ही चाहिए, शायद आओ इक मुलाक़ात करें और रुख़ करें साहिल की जानिब जहाँ मंज़िल का कोई फलसफा नहीं बस बैठे ही रहना है ख़यालों के दरमियाँ